Sunday, November 29, 2009

चल चलें......

बरसों तुझसे प्यार किया,इंतज़ार भी किया ,कभी तुम ख्वाबों में सताती रही और कभी ख्यालों में आती रही! कभी जुगनुओं से तेरा पता पूछा और कभी टूटते तारों से तुझे माँगता रहा और अब जब तुम मिली तो दिल ने सदा दी ......चल चलें ......................

चल चलें ........
वहाँ जहाँ बादल करते हों पर्वतों से बातें !!!!!!

चल चलें ........
वहाँ जहाँ पानियों पर बिछी हो लहरों की चादरें !!!!!!!

चल चलें ........
चल कर किसी अब्र को छू लें ....
और सहेज लें उसकी ठंडक ज़िन्दगी भर के लिए !!!!!!

चल चलें ........
चल कर किसी खामोश वादी से पूछें ....
की ये अल्फाज़ ख़ामोशी के तूने सीखे कहाँ से ?

चल चलें ........
चल कर किसे बहते दरिया के किनारे बैठें ,
और डुबो के अपने पैरों को उसमें ,चुरा लें थोड़ी सी नमी उसकी !!!!!

चल चलें ........
चल कर कहीं एक दूसरे तक पहुंचे ,
और समेट लें वक़्त को एक पल में ,उम्र भर के लिए !!!!!!!