जागा रहा सारी रात!!
बनकर तारा ,
करने आईं थी तुम मुझसे बात !!
आंखों आंखों में ही,
कह दिया मैंने,
चाहूँ ज़िन्दगी भर तेरा ही साथ!!
प्यार हो तुम मेरा,
मेरी चाहत हो ,
बस इतना ही कह दो आज !!
मैं तो न सोया ,
जागा रहा सारी रात ........
प्यार हो तुम मेरा,
मेरी चाहत हो ,
बस इतना ही कह दो आज !!
मैं तो न सोया ,
जागा रहा सारी रात ........
दे दो गम अपने,
ले लो खुशियाँ मेरी सारी !!
मेरी खुशी बनकर रहना सदा,
तुम तो हो फूलों से भी प्यारी !!
जुड़ गए हैं हम अब ,
एक ही है ये ज़िन्दगी हमारी !!
बस यूँ ही रिमझिम बरसती रहना तुम,
बनकर प्यारी सी बरसात !!
मैं तो न सोया ,
जागा रहा सारी रात ........
ले लो खुशियाँ मेरी सारी !!
मेरी खुशी बनकर रहना सदा,
तुम तो हो फूलों से भी प्यारी !!
जुड़ गए हैं हम अब ,
एक ही है ये ज़िन्दगी हमारी !!
बस यूँ ही रिमझिम बरसती रहना तुम,
बनकर प्यारी सी बरसात !!
मैं तो न सोया ,
जागा रहा सारी रात ........
अब जीवन का हर पल ,
है एक नई ज़िन्दगी !!
तेरा प्यार ही है मेरा खुदा,
और मेरी बंदगी!!
तुम ही तो बनकर आई हो,
मेरी ज़िन्दगी में एक सुहानी सहर,
और तुम ही कभी बन जाती हो ,
तारों भरी रात !!
मैं तो न सोया ,
है एक नई ज़िन्दगी !!
तेरा प्यार ही है मेरा खुदा,
और मेरी बंदगी!!
तुम ही तो बनकर आई हो,
मेरी ज़िन्दगी में एक सुहानी सहर,
और तुम ही कभी बन जाती हो ,
तारों भरी रात !!
मैं तो न सोया ,
जागा रहा सारी रात ........
13 comments:
अब जीवन का हर पल ,
है एक नई ज़िन्दगी !!
तेरा प्यार ही है मेरा खुदा,
और मेरी बंदगी!!
बहुत लाजवाब रचना.
रामराम.
दे दो गम अपने,
ले लो खुशियाँ मेरी सारी !!
यही भाव यदि सबमें व्याप्त हो जाये तो दुनियाँ सर्वस्व अमन चैन दिखाई देगा. पर इस आर्थिक युग में क्या यह भाव यतार्थ में सभी लोगों में आ सकता है????????????????
शायद नहीं. यह भाव उभरते, सृजित और पल्लवित होते प्रेम को ही प्रर्दशित करता है और ऐसे भाव का आभाव हिंसा, घ्रणा, उपेक्षा, स्वार्थ, लोभ को ही उभारती , सृजित और पल्लवित करती है.
सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति पर बधाई.
आपकी मधुशाला तो सचमुच बहुत अच्छी है, आपने मेरी रचना पढ़ी और टिप्पणी की आभारी हूँ!
एक गाना याद आ गया दोस्त.....सारी सारी रात मै जांगू ...
याद में तेरी जाग जाग के हम रात भर करवटें बदलते हैं...बेहतरीन रचना...
नीरज
तुम ही तो बनकर आई हो,
मेरी ज़िन्दगी में एक सुहानी सहर,
और तुम ही कभी बन जाती हो ,
तारों भरी रात !!
" beautiful so loving and emotional expressions....these lines touched me..."
regards
मेरी ज़िन्दगी में एक सुहानी सहर,
और तुम ही कभी बन जाती हो ,
तारों भरी रात !!
waah Vikrant ji !behad khubsurat bhavnayen aur unki safal abhivyakti.
अब जीवन का हर पल ,
है एक नई ज़िन्दगी !!
तेरा प्यार ही है मेरा खुदा,
और मेरी बंदगी!!
ज़िन्दगी का अच्छा अन्दाज़ है
प्रेम का सुन्दर उद्दात स्वरुप सचमुच ऐसा ही होता है,जिसमे ध्येय लेना नहीं देना होता है.....बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण इस रचना ने आनंदित कर दिया...
बहुत ही सुन्दर...ऐसे ही लिखते रहें..शुभकामनाये...
अच्छी रचना के लिये बधाई स्वीकारें
nice madhushaalaa...regards
Tum hi kabhi ban jati ho taro bhari raat....ateev sunder rachanaa...badhai....
बहुत बढ़िया लिखा है आपने !
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