ऐसा लगा....
एक सुहानी सांझ जब छाए थे आसमान में तारे ,
मैं हुआ तुम्हारी यादों से रूबरू ,
ऐसा लगा कि तुम पास हो मेरे,
ऐसा लगा कि तुम कर रही हो मुझसे बातें,
ऐसा लगा कि दूर हो कर भी कितने पास हैं हम,
और पास हो कर भी कितने दूर ,
ऐसा लगा कि तुमसे ही है हर खुशी मेरी
ऐसा लगा कि तुमसे ही है ये जिंदगी मेरी ,
न जाने कब हुई सांझ से रैन ,
और न जाने कब आंखों में ही हो गई भोर,
अब न तुम थी न तुम्हारा कोई निशाँ,
बस पड़ी रह गई थी मेरे मन के आँगन में ओस ,
उस ओस को छुआ तो ऐसा लगा जैसे आंसू हैं तुम्हारे ,
ऐसा लगा कि जैसे मैं जलता हूँ ,
वैसे तुम भी तो जलती होगी,
ऐसा लगा कि इस जलन में भी एक खुशी है,
जो जल-जल कर तुमको भी मिलती होगी,
ऐसा लगा कि जब हम दोनों का एक सा हाल है ,
तो कब तक रह सकते हैं दूर ??
ऐसा लगा कि आज ही हम फिर मिलेंगे ,
आज ही तुम आओगी ज़रूर ।
Comments
लिखते रहिये ! लिखते लिखते कुछ लिखा जायेगा !
वो बड़ा सुंदर होगा !
जो जल-जल कर तुमको भी मिलती होगी,
बहुत सुंदर ! हमारे ब्लॉग पर शेर का दूसरा
पार्ट आपने लिखा वो भी पसंद आया ! हमको
तो ड्राइवर ने ये एक ही सुनाया था ! धन्यवाद !
शुभकामनाएं !
धन्यवाद विक्रांत जी, ओर खुब फ़लो फ़ुलो खुब लिखो
शुभकामनाये!
बहुत सुंदर शब्दों के चयन से आप ने अपनी रचना को विलक्षणता प्रदान की है...बहुत ही अच्छी रचना.
नीरज
ऐसा लगा कि तुमसे ही है ये जिंदगी मेरी ,
..........
bhawnaaon ki is madhushala ka kya kahna !
आज ही तुम आओगी ज़रूर ।
"beautifully composed"
Regards
vikrant g sundartam bhav.
आज ही तुम आओगी ज़रूर ।
प्रिय विक्रांत जी आपकी उपरोक्त लाइने हमको
बहुत ही अच्छी लगी ! इसके लिए आपको धन्यवाद ! आपने निमंत्रण दिया वह हमने कबूल किया ! अभी हम जिनके यहाँ ठहरे हैं उनको हमने १ महीने का समय दे दिया है और हम वादा खिलाफी नही करते ! आपके यहाँ हम नक्की आयेंगे ! पर तारीख बाद में पक्की करेंगे !
यहाँ हमको रखने की होड़ लगी हुई है ! पर आपसे ये वादा रहा की यमलोक गमन के पूर्व आपका आतिथ्य अवश्य स्वीकार करेंगे ! यहाँ आकर हमारी खोज ख़बर लेते रहना ! हम यहाँ अनजान हैं ! आपका यों हमें निमंत्रण देना अच्छा लगा ! शुक्रिया !
ऐसा लगा कि तुम कर रही हो मुझसे बातें,
ऐसा लगा कि दूर हो कर भी कितने पास हैं हम,
और पास हो कर भी कितने दूर...
विक्रांत जी,
बहुत दिल से लिखा है आपने..... लग रहा है जैसे सीधे बात कर रहे हैं किसी से.... बहुत बढ़िया.... साधुवाद।