Tuesday, July 1, 2008

तू रोज़ नया.....

जिंदगी तू रोज़ नया गम देती है,हम हँस कर पिया करते हैं,
तू मारने की करती है कोशिश,और हम हँस के जिया करते हैं

2 comments:

रश्मि प्रभा... said...

sachchi tasweer.......
do lafzon me bahut kuch

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत सुंदर कृपया पधारें http://manoria.blogspot.com and kanjiswami.blog.co.in