"जस्ट अनदर डे" -इन बैंगलोर
सुबह के साढे सात बज रहे थे ,हमेशा की तरह आज भी मैं अपनी बालकनी में ऑफिस की कैब का इंतजार कर रहा था ! मौसम काफी सुहावना हो गया था,हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गई थी ,इससे पहले की मैं मौसम की रूमानियत को महसूस करता ,कैब के हार्न ने ध्यान बँटा दिया ,और हमेशा की तरह मैं ऑफिस के लिए निकल पड़ा ! ऑफिस में सबकुछ हमेशा जैसा ही था,साथियों से दुआ सलाम करना,दर्जनो ई -मेल्स चेक करना , कॉफी ब्रेक लेना ,वापस काम पर लगना और दोपहर को लंच के लिए कैफेटेरिया जानासब कुछ हमेशा की तरह ही चल रहा था लंच से वापिस आकर मैं दोबारा काम पर लग गया ,करीब आधे घंटे के बाद ख़बर आई की शहर में बम धमाके हुए हैं ! कुछ इंसानों ने आज फिर इंसानियत का गला घोंटा था, पाँच जगहों पर सात बम धमाके हुए ,दो लोग मारे गए और करीब बीस घायल हुए थे ! एक बम धमाका हमारे ऑफिस से चंद मील दूर ही हुआ था ,उस धमाके की आवाज़ तो हम तक नहीं पहुँची पर ख़बर सुनकर सब सिहर ज़रूर गए थे ! सभी लोग अपने घरवालों और दोस्तों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे ! ख़बरों से पता चला की शहर का ट्रैफिक ठप्प पड़ा है और फ़ोन लाइने भी प्रभावित हुई हैं ! डिपार्टमेन्ट के डाईरेक...