रात का वादा...
आज सोचा है मैंने की डूबते सूरज को सलामी देकर ,इक काली स्याह रात का वादा लूँगा,
रात जिसमें तारे भी हों, जुगनू भी और तुम भी,
जो बस बातों-बातों में ही कट जाए,
जो बस आंखों-आंखों में ही गुज़र जाए,
जिसके आगोश में हम हो जायें गुम,
जिसके अंधेरे में सहर की चाहत को भी भूलें हम,
जिसमे अधूरी रहे न कोई बात,
जो बरसे हम पर बनकर रिमझिम बरसात ,
इक ऐसी रात का वादा लूँगा
आज सोचा है मैंने की डूबते सूरज को सलामी देकर ,इक काली स्याह रात का वादा लूँगा,.......
Comments
"जिसमे अधूरी रहे न कोई बात,"
ईश्वर आपकी हर बात और मुराद पूरी करे !
यही शुभेच्छा !
जिसमे अधूरी रहे न कोई बात,
जो बरसे हम पर बनकर रिमझिम बरसात ,
इक ऐसी रात का वादा लूँगा
आज सोचा है मैंने की डूबते सूरज को सलामी देकर ,इक काली स्याह रात का वादा लूँगा,.......